80 हजार ब्रांचेस पर असर सरकारी बैंकों की स्ट्राइकसे देश में बैंकों की लगभग 80 हजार ब्रांचेस में सर्विसेज प्रभावित हुई हैं। एसोचेम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि ट्रांजैक्शन पर असर पड़ने का अनुमान है।
सरकारी बैंकों की स्ट्राइक से देश में बैंकों की लगभग 80 हजार ब्रांचेस में सर्विसेज प्रभावित हुई हैं। एसोचेम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा पहले ही कम है और उनका एनपीए का रेश्यो भी ज्यादा है।ऐसे में स्ट्राइक की वजह से बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएगा और इससे इकोनॉमी बड़े पैमाने पर लॉस होगा। रावत ने बैकिंग रिफॉर्म्स को जरूरी बताया है।
स्ट्राइक में लगभग 10 लाख कर्मचारी शामिल इस स्ट्राइक में सरकारी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी शामिल हैं। बैंक कर्मचारी प्रस्तावित बैंकिंग रिफॉर्म्स के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल से चेक क्लीयरैंस, ब्रांचेस में कैश डिपॉजिट और विद्ड्राल सहित दूसरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया था कि सभी बैंकों में हड़ताल से 29 जुलाई को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी।
प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ हैं कर्मचारी नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। अश्वनी राणा ने बताया कि यूनियंस विचार विमर्श के लिए तैयार थीं, लेकिन सरकार बैंकिंग सुधारों पर मौजूदा नीतिगत फैसले को सही ठहराने का प्रयास कर रही है। ऐसे में बातचीत का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को स्ट्राइक के बाद शनिवार को बैंकों में आम दिनों की तरह काम काज होगा।...
बैकिंग सेक्टर में एफडीआई के खिलाफ हैं यूनियन राणा का कहना हैकि बैंकिंग सेक्टर में एफडीआई का विरोध कर रही यूनियंस विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव डाल रहीं हैं। इनमें सरकारी बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करना और बैंकों में प्राइवेट कैपिटल को बढ़ाना है। यूनियंस रीजनल रूरल बैंकों और कोऑपरेटिव बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के कदम का भी विरोध कर रहीं हैं। इसके अलावा वे सरकारी बैंकों के मर्जर के भी खिलाफ हैं।
सरकारी बैंकों की स्ट्राइक से देश में बैंकों की लगभग 80 हजार ब्रांचेस में सर्विसेज प्रभावित हुई हैं। एसोचेम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों का मुनाफा पहले ही कम है और उनका एनपीए का रेश्यो भी ज्यादा है।ऐसे में स्ट्राइक की वजह से बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएगा और इससे इकोनॉमी बड़े पैमाने पर लॉस होगा। रावत ने बैकिंग रिफॉर्म्स को जरूरी बताया है।
स्ट्राइक में लगभग 10 लाख कर्मचारी शामिल इस स्ट्राइक में सरकारी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी शामिल हैं। बैंक कर्मचारी प्रस्तावित बैंकिंग रिफॉर्म्स के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल से चेक क्लीयरैंस, ब्रांचेस में कैश डिपॉजिट और विद्ड्राल सहित दूसरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। भारतीय स्टेट बैंक सहित ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया था कि सभी बैंकों में हड़ताल से 29 जुलाई को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी।
प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ हैं कर्मचारी नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। अश्वनी राणा ने बताया कि यूनियंस विचार विमर्श के लिए तैयार थीं, लेकिन सरकार बैंकिंग सुधारों पर मौजूदा नीतिगत फैसले को सही ठहराने का प्रयास कर रही है। ऐसे में बातचीत का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को स्ट्राइक के बाद शनिवार को बैंकों में आम दिनों की तरह काम काज होगा।...
बैकिंग सेक्टर में एफडीआई के खिलाफ हैं यूनियन राणा का कहना हैकि बैंकिंग सेक्टर में एफडीआई का विरोध कर रही यूनियंस विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव डाल रहीं हैं। इनमें सरकारी बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करना और बैंकों में प्राइवेट कैपिटल को बढ़ाना है। यूनियंस रीजनल रूरल बैंकों और कोऑपरेटिव बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के कदम का भी विरोध कर रहीं हैं। इसके अलावा वे सरकारी बैंकों के मर्जर के भी खिलाफ हैं।
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ReplyDeleteAny changes occur in bank due to government rule and regulation directly affects the bank nifty sector of investment. Epic Research can control such changes and offer a way to cope up with these changes to the investors.
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